अवधी भाषा न्यास

 

   

 

 

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अवधी भाषा न्यास

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निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल।

बिन निज भाषा ज्ञान के मिटै न हिय को शूल॥

                                                        भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

न्यास के उद्देश्य-

१.    अवधी भाषा के साहित्य अउर कुल देशी भाषन से बहुत विशाल औ बहुत बढ़ियाँ बा। लेकिन प्रचार-प्रसार औ राजनीति के एहि समय में एका ऊ महत्त्व नाँइ मिलत बा जवन मिलइ के चाहे।

२.    राम-राज्य के दुनियाँ में सबसे आदर्श व्यवस्था माना जात अहइ लेकिन बिना राम के भाषा के रामराज्य के कल्पना करब मुश्किल अहै।

३.    एहि कारण से अवधी के प्रचार प्रसार औ अन्तर्राष्ट्रिय पहचान विना एहि न्यास के गठन करइ के सोचा ग बा।

संरक्षक-मण्डल
पं. रामाधीन रामसमूज
(अमेरिकी शिक्षाविद्)

प्रो. बलराम सिंह

(वैज्ञानिक, अमेरिका)

 

 

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Last updated: February, 2012